फूलो से कह दो महकना बंद कर दे,
की उनकी महक की कोई जरूरत नही....
सितारो से कह दो चमकना बंद कर दे,
की उनकी चमक की कोई जरूरत नही....
भवरो से कह दो अब ना गुनगुनाये,
की उनकी गुंजन की कोई जरुरत नही....
सागर की लहरे चाहे तो थम जाये,
की उनकी भी कोई जरुरत नही....
सुरज चाहे तो ना आये बाहर्,
की उसकी किरणो की भी जरुरत नही....
चाँद चाहे तो ना चमके रात भर,
की उसके आने की भी जरुरत नही....
वो जो आ गये हैं इस जहाँ में, तो
की उनकी महक की कोई जरूरत नही....
सितारो से कह दो चमकना बंद कर दे,
की उनकी चमक की कोई जरूरत नही....
भवरो से कह दो अब ना गुनगुनाये,
की उनकी गुंजन की कोई जरुरत नही....
सागर की लहरे चाहे तो थम जाये,
की उनकी भी कोई जरुरत नही....
सुरज चाहे तो ना आये बाहर्,
की उसकी किरणो की भी जरुरत नही....
चाँद चाहे तो ना चमके रात भर,
की उसके आने की भी जरुरत नही....
वो जो आ गये हैं इस जहाँ में, तो
दुनिया मे और किसी खूबसूरती की जरुरत ही नही.
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