Dec 30, 2010

आँसू में ना ढूँदना हूमें..............................................

आँसू में ना ढूँदना हमें,
दिल में हम बस जाएँगे,
तमन्ना हो अगर मिलने की,
तो बंद आँखों मैं नज़र आएँगे।

लम्हा लम्हा वक़्त गुजर जाएँगा,
चँद लम्हो में दामन छूट जाएगा,
आज वक़्त है दो बातें कर लो हमसे,
कल क्या पता कौन आपके ज़िंदगी में आ जाएगा।

पास आकर सभी दूर चले जाते हैं,
हम अकेले थे अकेले ही रह जाते हैं,
दिल का दर्द किससे दिखाए,
मरहम लगाने वाले ही ज़ख़्म दे जाते हैं,

वक़्त तो हमें भुला चुका है,
मुक़द्दर भी ना भुला दे,
दोस्ती दिल से हम इसीलिए नहीं करते,
क्यू के डरते हैं,कोई फिर से ना रुला दे,

ज़िंदगी मैं हमेशा नये लोग मिलेंगे,
कहीं ज्यादा तो कहीं काम मिलेंगे,
ऐतबार ज़रा सोच कर करना,
मुमकिन नही हर जगह तुम्हे हम मिलेंगे।

खुशबू की तरह आपके पास बिखर जाएँगे,
शुकुन बन कर दिल मे उतर जाएँगे,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिए,
दूर होते हुए भी पास हम नज़र आयेंगे ।

Dec 15, 2010

उनकी ये शिकायत है की मैं बेवफाई पे नहीं लिखता.............

उनको ये शिकायत है, मैं बेवफ़ाई पे नही लिखता,
और मैं सोचता हूँ कि, मैं उनकी रुसवाई पे नही लिखता।
ख़ुद अपने से ज़्यादा बुरा, ज़माने में कौन है?
मैं इसलिए औरों की, बुराई पे नही लिखता।

कुछ तो आदत से मज़बूर हैं और,
कुछ फ़ितरतों की पसंद है,
ज़ख़्म कितने भी गहरे हों,
मैं उनकी दुहाई पे नही लिखता।

दुनिया का क्या है हर हाल में, इल्ज़ाम लगाती है,
वरना क्या बात?? कि मैं कुछ अपनी सफ़ाई पे नही लिखता।
शान-ए-अमीरी पे करू कुछ, अर्ज़ मगर एक रुकावट है,
मेरे उसूल, मैं गुनाहों की, कमाई पे नही लिखता।

उसकी ताक़त का नशा,"मंत्र और कलमे" में बराबर है,
मेरे दोस्तों! मैं मज़हब की, लड़ाई पे नही लिखता।
समंदर को परखने का मेरा, नज़रिया ही अलग है यारों!
मिज़ाज़ों पे लिखता हूँ मैं उसकी॥ गहराई पे नही लिखता।

पराए दर्द को , मैं ग़ज़लों में महसूस करता हूँ ,
ये सच है मैं शज़र से फल की, जुदाई पे नही लिखता।
तजुर्बा तेरी मोहब्बत का'॥ ना लिखने की वजह बस ये,
क़ि 'शायर' इश्क़ में ख़ुद अपनी, तबाही पे नही लिखता...!!!

मैं और जिन्दगी..................

मैं दो कदम चलता और एक पल को रुकता मगर,
इस एक पल में जिन्दगी मुझसे चार कदम आगे चली जाती,
मैं फिर दो कदम चलता और एक पल को रुकता मगर,
जिन्दगी मुझसे फिर चार कदम आगे चली जाती,
जिन्दगी को जीतता देख मैं मुश्कुराता और
जिन्दगी मेरी मुश्कुराह्त पर हैरान होती,
ये सिलसिला यूँही चलता रहा ,
फिर एक दिन मुझको हस्ता देख एक सितारे ने पुछा"तुम हारकर भी मुस्कराते हो ,
क्या तुम्हे दुःख नहीं होता हार का?"
तब मैंने कहा ,मुझे पता है एक ऐसी सरहद आएगी,
जहा से जिन्दगी चार तो क्या एक कदम भी आगे नहीं जा पायेगी और
तब जिन्दगी मेरा इंतज़ार करेगी और मैं तब भी अपनी रफ़्तार से यूँही चलता रुकता वहां पहुंचूंगा .........एक पल रुक कर जिन्दगी की तरफ देख कर मुस्कुराऊंगा ,
बीते सफ़र को एक नज़र देख अपने कदम फिर बढाऊँगा ,
ठीक उसी पल मैं जिन्दगी से जीत जाऊंगा ,
मैं अपनी हार पर मुस्कुराया था और अपनी जीत पर भी मुस्कुराऊंगा और
जिन्दगी अपनी जीत पर भी न मुस्कुरा पाई थी और अपनी हार पर भी न मुस्कुरा पायेगी ,
बस तभी मैं जिन्दगी को जीना सीखूंगा ............................................................

तुझे भुलाना भी मुस्किल है .....................

फूल मुझे पसंद नहीं, मै कांटो का दीवाना हू,
मै जलने वाली आग नहीं, जल जाने वाला परवाना हु,
ख्वाब मुझे पसंद नहीं, मै हकीकत का आशियाना हु,
मै मीटने वाली हसरत नहीं, जीने वाला अफसाना हु,
मै थमने वाला वक़्त नहीं, न छुट पाने वाला किनारा हु,
मै रूकने वाली सांस नहीं, सदा दिल मे धडकने वाला सहारा हु!...

निगाहें बचाकर जो चलते है हमसे ,
कभी उनको हमसे मोहब्बत हुई थी
जो महबूब से अजनबी हो गए है
कभी उनको हमसे मोहब्बत हुई थी...

तुझे खोना भी मुश्कील है, तुझे पाना भी मुश्कील है।
जरा सी बात पर आंखें भीगो के बैठ जाते हो,
तुझे अब अपने दिल का हाल बताना भी मुश्किल है,
उदासी तेरे चहरे पे गवारा भी नहीं लेकीन,
तेरी खातिर सितारे तोड़ कर लाना भी मुश्कील है,

यहाँ लोगों ने खुद पे परदे इतने डाल रखे हैं,
किस के दिल में क्या है नज़र आना भी मुश्कील है,
तुझे जींदगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए तुझे भुलाना भी मुश्कील है.

Dec 7, 2010

किसी ने हमसे प्यार किया हो ऐसा पहली बार हुआ है........

देर से ही पर खुदा मेहरबां हमपे नहुत इस बार हुआ है,
दुनिया में जो सब से हसी है उसको हमसे प्यार हुआ है।
तानो या उल्हानो से तो झोली अपनी भरी रही,
किसी ने उस में प्यार भरा हो ऐसा पहली बार हुआ है।

जख्म दिए हो किसी ने हमको ऐसा सारी उम्र हुआ है,
पर मरहम लेकर कोई घर आया ऐसा पहली बार हुआ है।
सपनों को बनते और टूटते किस रात नही देखा हमने,
अब जाकर अपना सपना मुश्किल से कोई साकार हुआ है।

पास में रहकर भी मेरे दिल से कइ अक्सर दूर रहे,
दूर में रहने वाला दिल के पास हो पहली वार हुआ है।
किसी ने हम को वुक्के दिए हों ऐसा अक्सर ही होता था,
पर हमने किसी को फूल दिया ऐसा पहली बार हुआ।

हमने किसी से प्यार किया शायद ऐसा पहले भी हुआ,
पर किसी ने हमसे प्यार किया हो ऐसा पहली बार हुआ है।

जला है यूं घर का मेरे तिनका तिनका

अंधेरो में रहने की आदत है हम को,
उजालो में आने से डरते बहुत हैं।
तेरे आने से घर हो सकता था रौशन ,
पर आँखे चोंधियाने से डरते बहुत हैं।

जिसे भी दिखाए उसी ने कुरेदे ,
जख्मो की अपनी यही दास्ताँ है।
बेवजह नही जो किसी मेहरबान को,
जख्म अब दिखाने से डरते बहुत हैं।

अभी तक भी सब की 'ना' ही सुनी थी,
तेरी 'ना' भी कोई अजूबा नही है।
सच तो है ये कि मेरी जानेमन ,
तेरी ' हाँ ' हो जाने से डरते बहुत हें।

चाहा जिसे भी दिलोजान से चाहा,
बस इतनी सी गल्ती रही है हमारी।
है चाहत कि तुमको भी चाहे बहुत,
पर गलती दोह्राने से से डरते बहुत हैं।

राहों मे मिलते हो तब पूछते हो,
कैसे हो क्या हाल है आपका,
कभी घर में फुरसत से बैठो,
सुनाने को गम के फसाने बहुत है।

जब भी नशेमन बनाया है कोई,
गिरी आसमान से कई बिजलियाँ ।
जला है yuun घर ka मेरे तिनका तिनका,
nya घर basaane से डरते बहुत हैं।

हदों में रहके कभी प्यार हो नही सकता?

हदों मे रहके तो व्यापार होते आयें हैं,
हदों में रहके कभी प्यार हो नही सकता।
हदों में रहके तुम इन्कार कर तो सकते हो,
हदों में रहके पर इकरार हो नहीं सकता।

तूँ जिस तरह से किनारे को पकडे बैठा है,
आज क्या तूँ कभी उस पार हो नहीं सकता।
जो अपने यार की उम्मीद पे ना उतरे खरा,
वो रिश्तेदार ही होगा वो यार हो नही सकता।

खोने और पाने का हिसाब जब लगे लगने,
तो फिर वो दोस्ती होगी वो प्यार हो नहीं सकता।
अगर पाना है मंजिल को तो घर को छोडना होगा,
कैदी दीवारों का मंजिल का हकदार हो नही सकता।

निकलना दायरों से तेरा लाजिम है तूँ मेरी मान,
रह के दायरों मे तूँ मेरा प्यार हो नहीं सकता।
रिश्तों में हदें होती हैं नहीं प्यार में होती,
हदों में रिश्ते निभ सकते हैं प्यार हो नहीं सकता।

खुले आकाश मे उडना अगर चाहत है तो सुन ले,
हदों के पिंजरे मे रहके ये मुमकिन हो नहीं सकता।
निकल जाती है गाडी सामने से उस मुसाफिर के,
जो रहते वक्त गाडी मे सवार हो नहीं सकता।

मेरे तन मन पे जब अधिकार तेरा , सिर्फ तेरा है,
तो क्यों तुझ पर यही अधिकार मेरा हो नहीं सकता।
हदों में रहके कभी प्यार हो नही सकता।