Nov 10, 2011

मत कहिये की वक़्त बदल गया ...............



कौन कहता है की जमाना बदल गया
बेटी होने का अभिशाप सर से टल गया
आज भी बेटी होने पर माथे पर सलवट आती है
आज भी बेटी की माँ मन ही मन में घबराती है
आज भी माँ का दिल धडकता है खौफ से
जब बेटी जरा भी देरी से घर वापिस आती है
ये सच है की बेटी को अपनाने का अंदाज बदल गया
पर मत सौचो की जमाना बदल गया.............................

अगर ये सच है तो आज भी बहु क्यों जलाई जाती है
आज भी अपनी ही बेटी कोख में क्यों मरवाई जाती है
पूजते है अगर हम घर घर में दुर्गा, लक्ष्मी, काली को पर
आज भी अपनों द्वारा बेटी की इज्जत दाव पे लगाईं जाती है
कहिये बदले युग का वो खवाब किधर गया
इसलिए मत कहिये की वक़्त बदल गया.....................................

Oct 19, 2011

एक दिन आएगा कि कोई शक्स हमारा होगा..................................

किसी की आँखों मे मोहब्बत का सितारा होगा
एक दिन आएगा कि कोई शक्स हमारा होगा
कोई जहाँ मेरे लिए मोती भरी सीपियाँ चुनता होगा
वो किसी और दुनिया का किनारा होगा..मेरे खुदा का अगर ज़रा भी सहारा होगा
किसी के होने पर मेरी साँसे चलेगीं
कोई तो होगा जिसके बिना ना मेरा गुज़ारा होगा
देखो ये अचानक ऊजाला हो चला,
दिल कहता है कि शायद किसी ने धीमे से मेरा नाम पुकारा होगा
और यहाँ देखो पानी मे चलता एक अन्जान साया,
शायद किसी ने दूसरे किनारे पर अपना पैर उतारा होगा
कौन रो रहा है रात के सन्नाटे मे
शायद मेरे जैसा तन्हाई का कोई मारा होगा
अब तो बस उसी किसी एक का इन्तज़ार है,
किसी और का ख्याल ना दिल को ग़वारा होगा
ऐ ज़िन्दगी! अब के ना शामिल करना मेरा नाम
ग़र ये खेल ही दोबारा होगा*****

Sep 9, 2011

हम उनसे तेरी खुशियों भरी जिन्दगी मांग बैठे है.........................

ऐ मेरे दोस्त इस इश्क में न जाने कितने चोट खाए बैठे है
कुछ तो मर गए, और कुछ तैयार बैठे है
गेरो ने तो साथ दिया हमारा, उनसे गिला नहीं
हम तो अपनों से चोट खाए बैठे है.

दिल से दिल मिल न सका हमारा, तो क्या
हम तो उन्हें धडकनों में बसायें बैठे है
चीर कर देख लो जिगर हमारा,
दिल में भी एक तस्वीर बनाये बैठे है

हमें मानो या न मानो अपना तुम,
हम तुम्हे अपना बनाये बैठे है,
तुमने जलाये थे दिए प्यार के कभी
तुम्हारी नफरत में हम अपना दिल जलाये बैठे है.

तेरे यहाँ लोग शादी में सरिक है,
तो यहाँ मातम में आये बैठे है
सुर्ख जोड़ें में सजाया है तुमने खुद को,
हम यहाँ सफ़ेद कफ़न चढ़ाये बैठे है

रोने की आवाज तुम्हारे यहाँ भी है, हमारे यहाँ भी है,
वहां विदाई में तो यहाँ मयत पे रोने बैठे है.
धरती पर जलने के बाद राख हो गए तो क्या,
तेरी मोहोबत का एक आशियाना स्वर्ग में भी बनाये बैठे है.
यमराज ने पुछा हमसे, तेरी नेकी के बदले क्या दू तुझको,
हम उनसे तेरी खुशियों भरी जिन्दगी मांग बैठे है.......



दोस्ती तेरी हमको प्यारी है.....................

दोस्ती तेरी हमको प्यारी है
सारी दुनिया से ये निराली है
तू अगर मांग ले ये जान हम से
हंस के दे देंगे ये तुम्हारी है
तू मेरा दोस्त कितना प्यारा है
तेरे बिन अब नहीं गुजारा है
पास हो या दूर चाहे मुझ से
तेरा हर पल ही तो सहारा है
जिन्दगी जब भी गम में डूबी है
इसको तुने ही तो दिया सहारा है
तेरी बातों से ऐसा लगता है
तेरा खुशियों से कुछ किनारा है
गम में डूबा है तेरा हर पल क्यूँ
मेरी दोस्ती का मिला जब तुझे सहारा है
तुझसे हमने किया ये वादा था
आखिरी साँस तक इसे निभाना है
बस खुदा से दुआ ये मांगी है
तेरी खुशियों को सिर्फ माँगा है 
 तुझ को मिल जाये तेरी खुशियाँ सभी
रब से हर पल ये दुआ मैंने माँगा है


अपना ख्याल रखना मेरे दोस्त!



Aug 3, 2011

मेरी जिन्दगी की किताब वो................

                                                        मेरी जिन्दगी की किताब वो
                                                        मेरे हर सवाल का जबाब वो
                                                    
                                                        मैं उसे पढू तमाम उम्र
                                                        मेरी हयात का निसाब वो
                                                       
                                                        मेरी हर दुआ उसके लिए
                                                        मेरी इबादतों का सवाब वो
                                                       
                                                        मैं सारा दिन उसी में मगन
                                                        मेरी हर रात का ख्वाब वो
                                                       
                                                        लिखू और क्या मैं उसकी जात पर
                                                        मेरी जिंदगी का रुबाब वो.

May 11, 2011

मैं ऐसा क्यों हूँ......................................................

क्यूँ  खुश हो जाता हु मैं तुम्हारी ख़ुशी देख के,
क्यूँ  हो जाता हूँ मैं हताश तुम्हे उदास देख के,
चहक सा उठता मैं क्यूँ जब मिलने की बारी आती है,
पर क्यूँ मिलने के बाद घंटो नींद नहीं आती है,

आँखे बंद करने से क्यूँ याद तुम्हारी आती है,
पर जब खुलती है तो क्यूँ फिर तू सामने आती है,
आसूं तेरे टपकते है तो मैं क्यूँ सिसकता हूँ,
जरा सी तू हँसती है तो मैं क्यूँ निखरता हूँ,

जब भी देखता हूँ तुम्हे बस ये सौचता हूँ,
पूछू तुमसे या तुमसे कहूँ रखूं दिल में ये बात या कह दूँ,

सुन जरा बस इतना बता ..........
मैं ऐसा क्यूँ हूँ?
                        मैं ऐसा क्यूँ हूँ?

मुझे जीने की उम्मीद दोबारा दे दो ..........................................

मुझे जीने की उम्मीद दोबारा दे दो,
मेरी डूबती कश्ती को किनारा दे दो,
मैं दर्द के साहिल पे तनहा खड़ा हूँ,
फिर आके अपनी बाँहों का सहारा दे दो,

तेरा दामन तो भरा है सितारों से,
मुझे उन सितारों में से एक सितारा दे दो,
मेरे आँगन में आज अँधेरा है बहुत,
मेरी दहलीज़ को फिर एक नजारा दे दो,

चंद लम्हे तुझे देखने की हसरत है बस,
मैं कब कहता हूँ की वक़्त अपना सारा दे दो.

फूलो से कह दो महकना बंद कर दे.......................................

फूलो से कह दो महकना बंद कर दे,
की उनकी महक की कोई जरूरत नही....

सितारो से कह दो चमकना बंद कर दे,
की उनकी चमक की कोई जरूरत नही....

भवरो से कह दो अब ना गुनगुनाये,
की उनकी गुंजन की कोई जरुरत नही....

सागर की लहरे चाहे तो थम जाये,
की उनकी भी कोई जरुरत नही....

सुरज चाहे तो ना आये बाहर्,
की उसकी किरणो की भी जरुरत नही....

चाँद चाहे तो ना चमके रात भर,
की उसके आने की भी जरुरत नही....

वो जो आ गये हैं इस जहाँ में, तो
दुनिया मे और किसी खूबसूरती की जरुरत ही नही.  

May 6, 2011

खुद अपनी पहचान से अंजान हूँ मैं..............................................


खुद अपनी पहचान से अंजान हूँ मैं,
अपनी पहचान आपसे करवाऊँ कैसे ??
कुछ सिमटी हुई छोटी सी दूनिया है मेरी ,
इस दिल की गहराइयों में आपको ले जाऊं कैसे ??
आसमान की ऊँचाइयों तक मेरे ख्वाब बिखरे हैं ,
अपने अरमानों की हद आपको दिखाऊँ कैसे ??
मुस्कुराना मेरी आदत है आंसुओं को छुपा कर ,
पर हर ग़म को अपनी हसी से बहलाऊँ कैसे ??
दोस्ती ही मेरी चाहत है और दोस्त मेरी ज़िन्दगी ,
इश्क से अपनी बेरुखी का सबब बताऊँ कैसे ??
होकर मेरी सरहदों में शामिल आप ही जान लो मुझे ,
किस्सी और तरह आपको खुद से मिलवाऊँ कैसे ??

Apr 7, 2011

 हाँ वो एक लड़की
जिसने मेरे दिल में न जाने कब घर कर लिया
मेरे नादान बचपन की यादगार है वो
मेरी जवानी की खुबसूरत दास्ताँ है वो
जान लो मेरे लड़कपन का सच्चा प्यार है वो

हाँ वो एक लड़की
जो हर पल मेरे ख्यालो में आती
जिसकी हर एक अदा है मेरे दिल को भाती
सपनो में वो मेरे हमेशा आये मुस्कुराती
अपनी खुशबू से मेरी जिन्दगी को हर पल महकाती

हाँ वो एक लड़की
जिसके संग बिताया हुआ हर एक लम्हा
मुझे सारी दुनिया की खुशियों से प्यारा लगे
जिस तरह मुस्कुरा के वो बात करती है मुझसे
ये दिलनशीं अंदाज़ उसका सरे जग से न्यारा लगे

हाँ वो एक लड़की
जो मेरी सांसो में बसी है खुशबु की तरह
वो जो मेरे दिल में बसी है धड़कन की तरह
वो जो मेरे खवाबो और ख्यालो में जब भी आये
आई वो हमेशा शर्माती हुई नवेली दुल्हन की तरह

हाँ वो एक लड़की
जिसको देखने को दिल मेरा बहुत बेताब है
जिसको पाने को मेरा दिल मचलता दिन रात है
क्या कहू अब मुझे होश नहीं किसी भी बात का
मेरे होटों पर भी तो हर पल उसी की बात है.


पवन सिंह

Mar 17, 2011

हमे तो अपनों ने लूटा ...................................

हमें तो अपनों ने लूटा,
गैरों में कहाँ दम था.
मेरी हड्डी वहाँ टूटी,
जहाँ हॉस्पिटल बन्द था.

मुझे जिस एम्बुलेन्स में डाला,
उसका पेट्रोल ख़त्म था.
मुझे रिक्शे में इसलिए बैठाया,
क्योंकि उसका किराया कम था.
मुझे डॉक्टरों ने उठाया,
नर्सों में कहाँ दम था.

मुझे जिस बेड पर लेटाया,
उसके नीचे बम था.
मुझे तो बम से उड़ाया,
गोली में कहाँ दम था.
और मुझे सड़क में दफनाया,
क्योंकि कब्रिस्तान में फंक्शन था

नैनो मे बसे है ज़रा याद रखना,
अगर काम पड़े तो याद करना,
मुझे तो आदत है आपको याद करने की,
अगर हिचकी आए तो माफ़ करना.......

ये दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते है
कभी दूर तो कभी क़रीब होते है
दर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते है
और दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है

एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,
हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर,
मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना,
हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर

Mar 12, 2011

कोई हमे याद तो करता है......................

हिचकियों से एक बात का पता चलता है,
कि कोई हमे याद तो करता है,
बात न करे तो क्या हुआ,
कोई आज भी हम पर कुछ लम्हे बरबाद तो करता है

दिल से खेलना हमे आता नहीं
इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था
इसलिये मुझे जिंदा ही मार गए

ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नही होती,
हर बात समझाने के लिए नही होती,
याद तो अक्सर आती है आप की,
लकिन हर याद जताने के लिए नही होती

Mar 2, 2011

सिर्फ एक बार करना याद.....................

शब्द केवल वेदनदे
गीउदास लगे
तब सिर्फ एक बार पुकारना मेरा नाम
जब तपती दोपहचुभनलगे
मुस्कान फीकी पड़ने लगे
तब सिर्फ एक बार करना याद
जब चाँद निकले ही ना बादलों से
और रात बहुत गहरी लगे
तब सिर्फ एक बार थामना मेरा हाथ
मैं हर मोड़ पर मिलूँगा  तुमसे
मील का पत्थर बनकर
मैं साथ चलूँगा  कड़ी धूप में
वटवृक्ष की छाया बनकर
जब मिल जाए मंजिल तुमको
और तुम ना देखना चाहो मुड़कर
मैपरछाई-सा  विलीन हो जाऊंगा....

बुरा पडोसी ...............

उल्लू की नींद एक टिड्डे ने खराब कर दी, उल्लू
ने टिड्डे से शोर न करने की विनती की पर टिड्डे ने
उल्लू की बात पर कोई ध्यान देने की बजाय और
ज्यादा शोर मचाना शुरू कर दिया. यह देखकर उल्लू ने टिड्डे
से कहा, तुम अगर मुझे सोने नहीं देना चाहते हो तो कम
से कम मेरे साथ बैठो तो सही मैंने फूलो का शरबत बनाया है
आओ बैठकर शरबत का आनद लेते है...
ख़ुशी से झूमता हुआ टिड्डा उल्लू के घर जा पहुंचा,
परन्तु वहा कोई फूलो का शरबत नहीं था बल्कि उल्लू
ने उसे पकड़ा और एक ही निवाले में गटक गया.

शिक्षा: ... दुसरो के प्रति सहयोग की भावना न रखने
              वाला मुसीबत में पड़ता है.

दोस्त की कलम से .................

डूबता सूरज .............

डूबता हुए सूरज को देखो
वह डूब जायेगा
लकिन इसका मतलब यह नहीं की
वह सूरज नहीं रहेगा
वह कल फिर निकलेगा
इसलिए कुछ चीज़े जिन्दगी में
हमेशा रहती है चाहे वे
कुछ समय के लिए हम से दूर हो जाये.

दोस्त की कलम से................

Mar 1, 2011

मेरा सावन भी तुम हो मेरी प्यास भी तुम हो.........................................

मेरा सावन भी तुम हो मेरी प्यास भी तुम हो
सहरा की बाँहों में छुपी आस भी तुम हो
तुम यु तो बहुत दूर बहत दूर हो मुझसे
अहसास ये होता है मेरे पास भी तुम हो
हर जख्म की आगोश में है दर्द तुम्हारा
हर दर्द में तस्कीन का अहसास भी तुम हो
कहीं जाऊ तो वीरानी सी  हो जाती है राहें
मिल जाओ तो फिर जीने का अहसास भी तुम हो 
लिखता हु तो तुम ही उतरते हो कलम से 
पढता हु तो लहजा भी तुम, आवाज़ भी तुम हो.



Feb 28, 2011

जहाँ दीये नहीं दिल जलाये जाते है ........................

बड़ी आसानी से दिल लगाये जाते है
पर बड़ी मुश्किल से वायदे निभाए जाते है
ले जाती है मोहब्बत उन राहों पर
जहाँ दीये नहीं दिल जलाये जाते है।

चले गए थे दूर एक पल के लिए
मगर आपके दिल के करीब थे हर पल के लिए
कैसे भुलायेंगे आपको एक पल के लिए
जहाँ खों चुके खुद को हर पल के लिए।

फूल की तरह हँसते रहो तो हम खुश है
दिल खोलकर जिया करो तो हम खुश है
हम ये नहीं कहते की रोज़ मिलो
बस रोज याद किया करो तो हम खुश है।

ये दुआ है आपकी जिन्दगी संवर जाये
हर नजर में बस प्यार नजर आये
जिसकी तलाश में निकलो तुम
खुदा करे वो खुद तुम्हारी तलाश में आये।

करोगे याद तो हर बात याद आएगी
सुहाने वक़्त ही हर मौज ठहर जाएगी
तलाश करोगे जो हमसे बेहतर कोई
निगाह दूर तक जाकर लौट आएगी।

नन्हे दिल में अरमान कोई रखना
दुनिया की भीड़ में पहचान कोई रखना
अच्छी नहीं लगती रहती हो जब उदास
इन होटों पे मुस्कान सदा वही रखना।

तुम्हे ये जिद है की तुम रूठे रहोगे
हमे ये जिद है की हम मनाके रहेंगे
तुम्हे है कसम तुम मत मुस्कुराना
हमें है कसम हम हंसा के रहेंगे।

नशा जरुरी है जिन्दगी के लिए
पर सिर्फ शराब ही नहीं है बेखुदी के लिए
किसी की मस्त निगाहों में डूब जाओ
बड़ा हसीं समुंदर है खुदखुशी के लिए।

दिल में मुराद हो तो बात जरुर होगी
उजड़े बाग़ में बहार जरुर होगी
रब जाने हम कब मिलेंगे
पर हर दिन आपसे मिलने की खवाइश जरुर होगी।

वक़्त गुजरेगा हम बिखर जायेंगे
कौन जाने हम किधर जायेंगे
हम आपकी परछाई है याद रखना
जहाँ तन्हाई मिली वहा हम नजर आयेंगे।

लम्हे ये सुहाने साथ हो ना हो
कल में आज जैसी बात हो ना हो
आपका प्यार हमेशा इस दिल में रहेगा
चाहें पूरी उम्र मुलाकात हो ना हो।

लव & स्माइल

मज़बूरी हमारी वो जान ना सके ...............................

गुजारिश वो हमारी जान ना सके
मजबुरी हमारी वो जान ना सके
कहते है मरने के बाद भी याद रखेंगे
जीते जी जो हमें पहचान ना सके।

प्यार हमारा वो पा ना सके
वफ़ा के बोल वो जान ना सके
फिर कैसे कह दिया की हम बेवफा है
जब वफ़ा हमारी वो पहचान ना सके।

बाँहों में हमारी वो आ ना सके
उसकी यादों से बिछुड़ कर हम जी ना सके
हर महफ़िल में तन्हाई ही मिली हमे
और वो कमरी तन्हाई पहचान ना सके

दिल ऐसा टुटा की फिर हम उसे जोड़ ना सके
खुशियों की और वापिस उसे मोड़ ना सके
उन्होंने पुछा की भूल जाओगे क्या हमे
और हम हाँ बोलकर उनका दिल तोड़ ना सके।

Feb 24, 2011

मोहबतें स्टुडेंट स्टाइल में ..............................

एक स्टुडेंट था दीवाना सा
एक सब्जेक्ट पे वो मरता था
बुक्स उठा कर चश्मा लगाकर
library से वो गुजरता था
कुछ पढना था शायद उसको
जाने किस्से डरता था
जब भी मिलता था मुझसे पुछा करता था
ये पास कैसे होता है यार ये पास कैसे होता है ??????
और में बस इतना कह पाता था ...........................
किताबें खुली हो या हो बंद
पढना लास्ट night को ही होता है
कैसे कहूँ मैं ओ यारा
ये पास ऐसे ही होता है ।

Feb 22, 2011

मैंने क्यू अपनी जिन्दगी संवारी नहीं है .....................

मैंने क्यू अपनी जिन्दगी संवारी नहीं है,
क्यू तेरे सिवा मुझे कोई चीज़ प्यारी नहीं है

की है मोहबत तो, मैं निभाऊंगा जरुर,
इश्क में मैंने देखि दुनियादारी नहीं है

इधर भड़क रही है आग शोलो की तरह
उधर तो देखो , जरा सी बेकरारी नहीं है

क्यू नफ़रत की नजरो से देखता है जमाना
खुदा की देंन है मोहब्बत , कोई बीमारी नहीं है

दांव और भी अभी चलने तो बाकी है
बाज़ी पूरी तरह मैंने भी हारी नहीं है

खेल ख़तम हुआ नहीं मोहब्बत का मेरी पवन
मत सौच, ज़माने से मेरी जंग जारी नहीं है

आज भी उसे मेरी याद आती तो होगी ............

आज भी उसे मेरी याद आती तो होगी ,
कैसे वो अपने दिल को समझाती होगी।

न उसे मेरा, न मुझे उसका इन्तजार है,
ये कैसी मोहब्बत है, ये कैसा प्यार है
नहीं करती वो जिकर मेरा महफ़िल में लेकिन,
तन्हाई में मेरी गजले जरुर गुनगुनाती होगी
आज भी उसे मेरी याद आती तो होगी।

साथ नहीं हम लेकिन, जुदा भी नहीं,
हमरी मोहब्बत से वाकिफ तो खुदा भी नहीं
मेरे लिखे ख़त जब वो औरो से छुपाती होगी,
आज भी उसे मेरी याद आती तो होगी।

भूल पाना उसको कहाँ इतना आसान होता है ,
जब कोई किसी का दिल जिगर और जान होता है
अश्को की बारिश को वो कैसे रोक पति होगी,
आज भी उसे मेर याद आती तो होगी।

.....पवन सिंह




Feb 16, 2011

कलयुग और परीक्षित की आपस में बातचीत................

कहते हैं कि युधिष्ठिर के पोते परीक्षित के बाद कलियुग आरंभ हो गया था । प्रस्तुत है परीक्षित और कलियुग की बातचीत...............

कलियुग बोल्या परीक्षित ताहीं, मेरा ओसरा आया ।
अपने रहण की खातिर मन्नै इसा गजट बणाया॥

सोने कै काई ला दूंगा, आंच साच पै कर दूंगा -
वेद-शास्त्र उपनिषदां नै मैं सतयुग खातिर धर दूंगा ।
असली माणस छोडूं कोन्या, सारे गुंडे भर दूंगा -
साच बोलणियां माणस की मैं रे-रे-माटी कर दूंगा ।

धड़ तैं सीस कतर दूंगा, मेरे सिर पै छत्र-छाया ।
अपने रहण की खातिर मन्नै इसा गजट बणाया ॥

मेरे राज मैं मौज करैंगे ठग डाकू चोर लुटेरे -
ले-कै दें ना, कर-कै खां ना, ऐसे सेवक मेरे ।
सही माणस कदे ना पावै, कर दूं ऊजड़-डेरे -
पापी माणस की अर्थी पै जावैंगे फूल बिखेरे ॥

ऐसे चक्कर चालैं मेरे मैं कर दूं मन का चाहया ।
अपने रहण की खातिर मन्नै इसा गजट बणाया ॥

वेदव्यास जी कलुकाल का हाल लिखन लगे सारा ..........

समद ऋषि जी ज्ञानी हो-गे जिसनै वेद विचारा ।
वेदव्यास जी कळूकाल* का हाल लिखण लागे सारा ॥ टेक ॥

एक बाप के नौ-नौ बेटे, ना पेट भरण पावैगा -
बीर-मरद हों न्यारे-न्यारे, इसा बखत आवैगा ।
घर-घर में होंगे पंचायती, कौन किसनै समझावैगा -
मनुष्य-मात्र का धर्म छोड़-कै, धन जोड़ा चाहवैगा ।

कड़ कै न्यौळी बांध मरैंगे, मांग्या मिलै ना उधारा* ॥1॥
वेदव्यास जी कळूकाल का हाल लिखण लागे सारा ।

लोभ के कारण बल घट ज्यांगे*, पाप की जीत रहैगी -
भाई-भाण का चलै मुकदमा, बिगड़ी नीत रहैगी ।
कोए मिलै ना यार जगत मैं, ना सच्ची प्रीत रहैगी -
भाई नै भाई मारैगा, ना कुल की रीत रहैगी ।

बीर नौकरी करया करैंगी, फिर भी नहीं गुजारा ॥2॥
वेदव्यास जी कळूकाल का हाल लिखण लागे सारा ।

सारे कै प्रकाश कळू का, ना कच्चा घर पावैगा* -
वेद शास्त्र उपनिषदां नै ना जाणनियां पावैगा ।
गौ लोप हो ज्यांगी दुनियां में, ना पाळनियां पावैगा -
मदिरा-मास नशे का सेवन, इसा बखत आवैगा ।

संध्या-तर्पण हवन छूट ज्यां, और वस्तु* जांगी बाराह ॥3॥
वेदव्यास जी कळूकाल का हाल लिखण लागे सारा ।

कहै लखमीचंद छत्रापण* जा-गा, नीच का राज रहैगा -
हीजड़े मिनिस्टर बण्या करैंगे, बीर कै ताज रहैगा ।
दखलंदाजी और रिश्वतखोरी सब बे-अंदाज रहैगा -
भाई नै तै भाई मारैगा, ना न्याय-इलाज रहैगा ।

बीर उघाड़ै सिर हांडैंगी, जिन-पै दल खप-गे थे अठाराह* ॥4॥
वेदव्यास जी कळूकाल का हाल लिखण लागे सारा ।

मतलब
कळूकाल = कलियुगकड़ कै न्यौळी बांध मरैंगे, मांग्या मिलै ना उधारा = लोग कमर में या जेब में पैसा बांधे रखेंगे, फिर भी मांगने पर या उधार में पैसा नहीं मिलेगा ।लोभ के कारण बल घट ज्यांगे = घी-दूध आदि महंगा हो जायेगा, लोग लोभ में आकर इसे खरीद नहीं पायेंगे और उनका शारीरिक बल घटता जायेगा ।सारे कै प्रकाश कळू का, ना कच्चा घर पावैगा = कलियुग में सब जगह (बिजली का) उजाला रहेगा और सब मकान पक्के होंगे ।वस्तु जांगी बाराह = सोना, चांदी, तांबा आदि बारह धातु (वस्तु) गायब हो जायेंगी ।छत्रापण जा-गा = क्षत्रियपन मिट जायेगा जिन-पै दल खप-गे थे अठाराह = द्रोपदी के चीरहरण के कारण महाभारत हुआ था जिसमें कुल 18 सेनाऐं खत्म हो गईं थीं (कौरवों के पास 11 अक्षौहिणी सेना थी और पांडवों के पास 7) ।

Feb 9, 2011

खुद को मिटाया था जब सौचा था किसी को पा लेंगे............

खुद को मिटाया था जब सौचा था किसी को पा लेंगे,
मगर खुद को मिटाकर भी उसको ना पा सके,
वो मेरा कभी हुआ ही नहीं,
मुझको भी अपना बनाया नहीं,
इस कांच के नाजुक रिश्ते को, उसने कभी अपनाया ही नहीं ,
फिर क्या हो उस कोशिश का जो मैं हमेशा करता रहा,
तुझ को पाने की कोशिश में, खुद को भी भुलाता रहा ।

Feb 2, 2011

दिल रोना और चाँद

दिल
मेरा दिल
मेरे दिल से निकलकर
उसके दिल में जा बैठा।
लोग कहते हैं की शीशा था।

रोना
मैंने
२० डेसीबेल से कम शोर में
और
बिना अश्कों के रोना सीख लिया है
अबकी दिल टूटेगा तो किसी को पता नहीं चलेगा।

चाँद
चाँद सारी रात उसकी छत पे बैठा रहा
जब दीदार नहीं देना होता तो कुछ लोग बुलाते क्यूँ हैं?

14 फरवरी नहीं है मेरा प्यार ..................

मेरा प्यार नही है इठलाती नदी
वो है गहरा सागर

वो अगरबत्ती का धुआ नही जिससे आती है खुशबू
वो है रसोई का धुआं जो रुलाता तो है पर जिसके बिना रहा नही जा सकता

वो गिफ्ट नही, वो वनिला की आइसक्रीम नही,
पिज्जा नही, बर्गर नहीहॉट काफी नही, चॉकलेट नही है वो
वो रोज रोज का I LOVE YOU नही,
वो है दाल रोटी चावल
वो है पानी ठंडावो है गर्म दूध
वो है पूरियां, आम का आचार है वो

वो आखिरी पांच मिनट का क्लाइमेक्स नही है
वो उससे पहले की २।५ घंटे की स्टोरी

वो गुलाब का फूल नही जो मुरझा जाए
वो है उसके अगल बगल निकले हुए कांटे
जो जिन्दा रहते है और साथ देते है पेड़ का मरते दम तक

वो २ पेज का ग्रीटिंग कार्ड नही
वो है एक किताब जिसके पन्ने बढ़ते जा रहे है रोज

वो एक प्यारी कविता नही जो सबको लगे अच्छी
वो है एक बोरिंग कहानी जिसे पढने के लिए चाहिए संयम

वो प्राइवेट की गद्देदार कुर्सी की तरह नही जिस पर पड़ जाए मंदी का असर
वो है टूटी हुई सरकारी कुर्सी जिसे नही सकता कोई हिला

१४ फ़रवरी नही है मेरा प्यार
वो है 365*24*60*60

Jan 31, 2011

~~~ MERI ZINDGI ~~~

Meri Zindgi Ko Ek Tamasha Bana Dia Us Ne
Bhari Mehfil Mein Tanha Bitha Dia Us Ne,
Aysi Kya Thi Nafrat Us Ko Es Masoom Dil Se
Khushiyan Chura Kar Gham Thama Dia Us Ne,
Bohat Naz Tha Us Ki Wafa Pe Kabhi Hum Ko
Mujh Ko He Meri Nazron Mein Gira Dia Us Ne,
Khudh Be-Waf Tha Meri Wafa Ki Kya Qadar Karta
Anmol Tha Main" Khaak Mein Mila Dia Us Ne !
Kisi Ko Yaad Karna To Us Ki Fitrat Mein Shamil Nahi
Hawa Ka Jhonka Samjh Kar Bhula Dia Us Ne !

Jan 29, 2011

Dosti Zindabad ..!!!!!

Teacher- hoshiyar bacha hai
Ma -Malik ki kripa hai
Papa -beta kiska hai
DOST - chal mauj masti karte hain
Result agar bura ho :
Teacher-padhai per dhyan hi nahin deta
Ma- aag lage aisi aulad ko
Papa - laad - pyar ne bigad diya hai
DOST - chal mauj masti karte hain
MORAL OF STORY
Duniya badal jati hai par dost nahin badalte !

Jan 27, 2011

तेरे प्यार का दर्द .... ......................

क्यो तेरी याद रह गयी इस दिल में,
जब तू ही ना मिल सकी मुझे ,
मैंने तो चाहा था दिल-ओ-जान से तुझे,
पर तुने क्यो ठुकरा दिया मुझे।

ज़िक्र जब भी तेरे नाम का होता है,
तेरी याद सताती है मुझे,
आज भी दिल मे है तेरे प्यार का दर्द,
नम आंखे ये बताती है मुझे।

गिला तो बस इन आंखो से है,
क्यो तेरा दीदार करा गयी मुझे,
इक टीस सी दिल मे उठती है,
क्यो तेरा ख्वाब दिखा गयी मुझे।

खुदा ने जब इश्क़ बनाया होगा,
तो खुद भी इसे अजमाया होगा,
हमारी तो औकात ही क्या इस इश्क़ के सामने,
इस इश्क़ ने तो खुदा को भी रुलाया होगा।

गम ना कर इस दुनियाँ से,
ना कोई किसीका है,
दगा वही देता है,
हमे जिस पे भरोसा है।

इस कद्र बेबस नही ज़िन्दगी,
कोशिश जीने की तो करो यारो,
बह जायेंग़े गम सारे आंसू बनकर,
कोशिश इन्हे पीने की तो करो यारो।

प्यार किसी से जो करेगा rushwai ही मिलेगी,
वफा कर लो चाहे जितनी बेवफाई ही मिलेगी ,
चाहो चाहे जितना भी किसी को,
जब आंख खुलेगी तो तन्हाई ही मिलेगी।

समझते है वो के पत्थर है हम,
मुझे वो ठोकर मार जायेंगे,
एक बार तो खुद कह दे वो के नफरत है तुमसे,
तब पत्थर तो क्या, फूल बनकर भी उनकी राहो मे नही आयेंगे।

Jan 20, 2011

पर धड़कन ही रुक जाये तो सॉरी .................

हम से कोई गिला हो जाये तो सॉरी,
आपको याद ना कर पाए तो सॉरी।
वैसे दिल से तो आपको भुलायेंगे नहीं,
पर धड़कन ही रुक जाये तो सॉरी।

जान देकर भी इस रिश्ते को निभाएंगे ,
थोड़ी ख़ुशी में आपकी खैर मनाएंगे।
आप सराफत से समस कर दीजिये वरना,
हम हरियाणा पुलिस का तरीका अपनाएंगे।

नजरे उससे मिलाऊ सर्मिन्दा ना कर दे,
इजहार करू तो इंकार ना कर दे।
मेरी लाश के पास मत बैठाना उसे
डर है वही छु कर मुझे जिन्दा ना कर दे।

तेरी प्यारी सी दोस्ती कैसे भूल जाऊ,
पल पल तुम्हारी यादो में क्यों ना aau ,
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती सबसे प्यारी है ।
फिर तुम्हे अपनी याद क्यों ना दिलाऊ ।

अब कुछ ना किसी से बोलेंगे ,
बस तन्हाई में चुप चुप रो लेंगे ।
अब नींद तो आँखों में आती नहीं ,
चलो जब मौत आएगी तो जी भरकर सो लेंगे ।