Sep 3, 2012

तू ही बता "गणेशजी" का ऑपरेशन क्या तेरे बाप ने किया था!!

एक अमेरिकन मुझसे बोला भाई साहब बताइये आपका भारत महान है !
तो सँसार के इतने आविष्यकरो मेँ आपके देश का क्या योगदान है ?
मैँ बोला रे अमेरिकन सुन, सँसार की पहली फायर प्रूफ लेडी भारत मेँ हुई थी!
नाम था "होलिका" आग मैँ जलती नही थी, इसलिये उस वक्त फयर ब्रिगेड चलती नही थी !!

सँसार की पहली वाटर प्रूफ बिल्डिँग भारत मेँ हुई नाम था भगवान विष्णु शैया "शेषनाग"!
शेषनाग पात
ाल गये धरती पर रहे "विशेषसनाग "
दुनिया के पहले पत्रकार "नारदजी" हुये जो किसी राजव्यवस्था से नही डरते थे !
तीने लोक की सनसनीखेज रिपोर्टिँग करते थे !!
दुनिया के पहले कॉँमेन्टेटर "सँजय" हुऐ जिन्होँने नया इतिहास बनाया!
महाभारत के युद्ध का आँखो देखा हाल अँधे "ध्रतराष्ट" को उन्ही ने सुनाया !!
दादागिरी करना भी दुनिया हमने सिखाया
क्योँ वर्षो पहले हमारे "शनिदेव" ने ऐसा आतँक मचाया !!
कि "हफ्ता" वसूली का रिवाज उन्ही के शिष्यो ने चलाया !
आज भी उनके शिष्य हर शनिवार को आते है!
उनका फोटो दिखाते है हफ्ता ले जाते है!!
अमेरिकन बोला दोस्त फालतू की बाते मत बनाओ !
कोई ढँग का आविष्यकार हो तो बताओ !!
(जैसे हमने इँसान की किडनी बदल दी, बाईपास सर्जरी कर दी आदि)
मैँ बोला रे अमेरिकन सर्जरी का तो आइडिया ही दुनिया को हमने दिया था !
तू ही बता "गणेशजी" का ऑपरेशन क्या तेरे बाप ने किया था!!

ऊंखल तै मूसल का मेल तगड़ा हो सै,

"यु किसान कितना करडा हो सै"
ऊंखल तै मूसल का मेल तगड़ा हो सै,
काबू साचा अर झूठा यो झगड़ा हो सै,
भाई गंडा पड़दे हो ज्यो खेत तै बाहर,
नीतो खामखा का उड़ फेर पचड़ा हो सै,
जो खुद उठ के पाणी भी ना पी सके,
वो दोनूं टांगा आला भी लंगड़ा हो सै,
दुपहरी मैं जिसने गेंहू के गैरे लगाए हों,
वोये जानै यूं किसान कितना करड़ा हो सै,
पौ मैं पाणी लाणा कोए आसान काम नि,
करके देखियो हाड फोड़ यूं खसरा हो सै,
भाई-चारे की बात नूये सुलट ज्या तै ठीक,
नातो कोर्ट-कचहरी मैं घनाये रगड़ा हो सै...
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क्यों चक्कर काटे सै जा किते और ट्राई करले..................

Photo: क्यों चक्कर काटे सै जा किते और ट्राई करले
तेरी मेरी जोट नहीं मिलती
हाडे तेरी दाल नहीं गलती
मेरा बाबु नाटे सै जा किते और ट्राई करले
जमिदारे का काम से म्हारे खेत में जाना पड ज्यागा
आवे पसीना देहि पे तेरा सारा मेकअप झडजागा
मेरी दादी नाटे से जा किते और ट्राई करले
क्यों चक्कर काटे सै जा किते और ट्राई करले
सर पे पल्ला करके चाल्ले बीर मेरे हरयाने मै
मेरा दादा ड़ोगा मारेगा तन्ने देख विदेशी बाने मै
क्यों इतनी पाटे से जा किते और ट्राई करले
क्यों चक्कर काटे सै जा किते और ट्राई करले
म्हारे घर मै साँझ सवेरे भजन आरती होवे सै
तेरी पार नहीं पड़नी तू आठ बजे तक सोवे सै
मेरी माँ भी नाटे सै जा किते और ट्राई करले
क्यों चक्कर काटे सै जा किते और ट्राई करले
बाबु मेरा छो आला उसका चाल्ले दाठोरा पान्ने मै
जमा कति सोच लिया से रहना देवरखाने मै
क्यों न्यारी पाटे से जा किते और ट्राई करले
क्यों चक्कर काटे सै जा किते और ट्राई करले
क्यों चक्कर काटे सै जा किते और ट्राई करले
तेरी मेरी जोट नहीं मिलती
हाडे तेरी दाल नहीं गलती
मेरा बाबु नाटे सै जा किते और ट्राई करले
जमिदारे का काम से म्हारे खेत में जाना पड ज्यागा
आवे पसीना देहि पे तेरा सारा मेकअप झडजागा
मेरी दादी नाटे से जा किते और ट्राई करले
क्यों चक्कर काटे सै जा किते और ट्राई करले
सर पे पल्ला करके चाल्ले बीर मेरे हरयाने मै
मेरा दादा ड़ोगा मारेगा तन्ने देख विदेशी बाने मै
क्यों इतनी पाटे से जा किते और ट्राई करले
क्यों चक्कर काटे सै जा किते और ट्राई करले
म्हारे घर मै साँझ सवेरे भजन आरती होवे सै
तेरी पार नहीं पड़नी तू आठ बजे तक सोवे सै
मेरी माँ भी नाटे सै जा किते और ट्राई करले
क्यों चक्कर काटे सै जा किते और ट्राई करले
बाबु मेरा छो आला उसका चाल्ले दाठोरा पान्ने मै
जमा कति सोच लिया से रहना देवरखाने मै
क्यों न्यारी पाटे से जा किते और ट्राई करले
क्यों चक्कर काटे सै जा किते और ट्राई करले

मस्त जोक

ताऊ बैठा हरियाणा रोड्वेस् की बस मै सफ़र करे था. रोहतक ते जावे था हिसार. रास्ते मे फ्लाइंग आले आ टपके टिकट चेक करण.
ताऊ धोरे जा के बोल्या , ला ताऊ टिकट दिखा. ताऊ ने अपणा झोला खोल्या , लत्ता के बीच मै ते एक प्लास्टिक् की थैली काढी, ऊस्के माह् ताऊ ने रोटी बान्ध रखी थी. रोटी के बीच ताऊ ने धर राख्या धडी पक्का चूर्मा. ताऊ ने धीरे धीरे चूर्मे मे हाथ घुमा के टिकट काढि अर फ्लाइंग आले कानी बढा दी. चैकर न
ै टिकट का हाल देख्या, कती ए चीकणी पडी थी. छो मे आ के बोल्या , अह रे ताऊ यो भी किम्मे धरण की जगह सै? सारी टिकट भुन्डी ढाल चिकणी कर दी, इस्मे के देखू मै? ताऊ लाहप्सी सा मुह बना के बोल्या , के करू बेटा बुड्डा आदमी सू , टिकट् कद्दे खू न जा, इसे खातिर घणी सम्भाल् के धर रखी थी. चैकर बोल्या, चूर्मे ते सेफ जगह् कौणी थी? न्यू कह् के वो आगे चला गया. ऊसी ताऊ धोरे एक दूसरा ताऊ भी बैठ्या था, वा न्यू बोल्या अह रे बावलीबूच, चूर्मा भी कोई टिकट धरण् कि जगह् से ? तू भी बुढापे मै कती बावला हो गया. ताऊ शैड् देनी सी बोल्या, ”’इसा बावला भी ना सू, 2 साल ते इसी टिकट पे सफ़र कर रहया सू”  

Jul 25, 2012

वो रोये तो बहुत, पर मुझसे मुह मोड़ कर रोये.................

वो रोये तो बहुत, पर मुझसे मुह मोड़ कर रोये,
कोई मज़बूरी होगी तो दिल तोड़ के रोये,
मेरे सामने कर दिए मेरी तस्वीर के टुकड़े,
पता चला मेरे पीछे वो उन्हें जोड़कर रोये,
जो दिल के करीब हो उसे रुसवा नहीं करते,
यु अपनी मोहब्बत का तमाशा नहीं करते ,
खामोश रहेंगे तो घुटन और बढ़ेगी ,
अपनों से कोई बात छुपाया नहीं करते।

Jun 13, 2012

Maine usse ek ishara kiya....................

Maine usse ek ishara kiya
Usne salaam likh ke bheja.
Maine pucha tumhara naam kya hai?
Usne chand likh ke bheja.
Maine pucha tumhe kya chahiye?
Usne saara aasmaan likh ke bheja.
Maine pucha kab miloge?
Usne qyamat ki sham likh ke bheja.
Maine pucha kis se darte ho?
Usne muhabbat ka anjaam likh ke bheja.
Maine pucha tumhe nafrat kis se hai?
Usne..Mera hi naam likh ke bheja

Jab hamne pyar karna chaha to..............


Jab hamne pyar karna chaha to,
Unhone hamse nata tod liya.
Jab kabhi aayi yad hamein unki,
Unhone bhi na kahte hue munh mod liya.
Aakhir kabhi na aayegi yaad unhe hamari.
Sochkar hum ne bhi umeed ka daman chod diya.
Tarsate rahe unki ek jhalak pane ko,
Aur apna har rasta dukhon ki aur mod liya.
Jab ehsas hua hamari sachchhi mohbbat ka unhe,
Tab tak hum us mukam pe the,
Jahan se laut kar aana hamare liye mushkil,
Aur hame pana unke liye namunkin tha.
 

 

Mar 9, 2012

सच ये भी है की सर पे मेरे इल्जाम बहुत है...................

करने को मेरे जिम्मे अभी काम बहुत है,
सच ये भी है की सर पे मेरे इल्जाम बहुत है,
मैं ढूंढ़ता फिरता हु जिसे कूचा बा कूचा,
इस नाम के इंसान यहाँ आम बहुत है,

अब चाहने से मिलती है महोबत कहाँ ऐसे,
बाज़ार में इस शय के अब दाम बहुत है,
तारीफ करू तेरी महोबत की जुबान में,
गुलशन में तेरी खुसबू के इक्साम बहुत है,

लेना है क्या मुझे तेरी दुनिया ओ जहान से,
दिल में तेरी यादों के सुबह शाम बहुत है,
जानम तेरी दुनियां में नहीं मिलती रफ़ाक़त,
कह दू के वस्ल के अंजाम बहुत है,

नाचीज़ ने इस चीज़ को क्या है समझा,
इस लफ्जे मोहबत में आलाम बहुत है,
मयाल है शोकत जिन्दगी अंजाम के जानिब,
चल रुक के जरा तू अभी इनाम बहुत है.........

मेरी आँखों में आँशु आये ना होते ............

मेरी आँखों में आँशु आये ना होते,
वो हमें देखकर मुस्कुराये ना होते,
सौचता हु अक्सर तन्हाई में मैं,
मेरी जिन्दगी में काश वो आये ना होते,
ना तड़पते हम उनके लिए इतना, 
दिल ने ख्वाब इतने सजाये ना होते,
ना टूटकर बिखरता मैं इस कदर,
काश वो मेरे दिल में अपना घर बनाये ना होते..........................