Jan 20, 2011

पर धड़कन ही रुक जाये तो सॉरी .................

हम से कोई गिला हो जाये तो सॉरी,
आपको याद ना कर पाए तो सॉरी।
वैसे दिल से तो आपको भुलायेंगे नहीं,
पर धड़कन ही रुक जाये तो सॉरी।

जान देकर भी इस रिश्ते को निभाएंगे ,
थोड़ी ख़ुशी में आपकी खैर मनाएंगे।
आप सराफत से समस कर दीजिये वरना,
हम हरियाणा पुलिस का तरीका अपनाएंगे।

नजरे उससे मिलाऊ सर्मिन्दा ना कर दे,
इजहार करू तो इंकार ना कर दे।
मेरी लाश के पास मत बैठाना उसे
डर है वही छु कर मुझे जिन्दा ना कर दे।

तेरी प्यारी सी दोस्ती कैसे भूल जाऊ,
पल पल तुम्हारी यादो में क्यों ना aau ,
ऐ दोस्त तेरी दोस्ती सबसे प्यारी है ।
फिर तुम्हे अपनी याद क्यों ना दिलाऊ ।

अब कुछ ना किसी से बोलेंगे ,
बस तन्हाई में चुप चुप रो लेंगे ।
अब नींद तो आँखों में आती नहीं ,
चलो जब मौत आएगी तो जी भरकर सो लेंगे ।


No comments:

Post a Comment