Feb 2, 2011

14 फरवरी नहीं है मेरा प्यार ..................

मेरा प्यार नही है इठलाती नदी
वो है गहरा सागर

वो अगरबत्ती का धुआ नही जिससे आती है खुशबू
वो है रसोई का धुआं जो रुलाता तो है पर जिसके बिना रहा नही जा सकता

वो गिफ्ट नही, वो वनिला की आइसक्रीम नही,
पिज्जा नही, बर्गर नहीहॉट काफी नही, चॉकलेट नही है वो
वो रोज रोज का I LOVE YOU नही,
वो है दाल रोटी चावल
वो है पानी ठंडावो है गर्म दूध
वो है पूरियां, आम का आचार है वो

वो आखिरी पांच मिनट का क्लाइमेक्स नही है
वो उससे पहले की २।५ घंटे की स्टोरी

वो गुलाब का फूल नही जो मुरझा जाए
वो है उसके अगल बगल निकले हुए कांटे
जो जिन्दा रहते है और साथ देते है पेड़ का मरते दम तक

वो २ पेज का ग्रीटिंग कार्ड नही
वो है एक किताब जिसके पन्ने बढ़ते जा रहे है रोज

वो एक प्यारी कविता नही जो सबको लगे अच्छी
वो है एक बोरिंग कहानी जिसे पढने के लिए चाहिए संयम

वो प्राइवेट की गद्देदार कुर्सी की तरह नही जिस पर पड़ जाए मंदी का असर
वो है टूटी हुई सरकारी कुर्सी जिसे नही सकता कोई हिला

१४ फ़रवरी नही है मेरा प्यार
वो है 365*24*60*60

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