दिल
मेरा दिल
मेरे दिल से निकलकर
उसके दिल में जा बैठा।
लोग कहते हैं की शीशा था।
रोना
मैंने
२० डेसीबेल से कम शोर में
और
बिना अश्कों के रोना सीख लिया है
अबकी दिल टूटेगा तो किसी को पता नहीं चलेगा।
चाँद
चाँद सारी रात उसकी छत पे बैठा रहा
जब दीदार नहीं देना होता तो कुछ लोग बुलाते क्यूँ हैं?
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