एक स्टुडेंट था दीवाना सा
एक सब्जेक्ट पे वो मरता था
बुक्स उठा कर चश्मा लगाकर
library से वो गुजरता था
कुछ पढना था शायद उसको
जाने किस्से डरता था
जब भी मिलता था मुझसे पुछा करता था
ये पास कैसे होता है यार ये पास कैसे होता है ??????
और में बस इतना कह पाता था ...........................
किताबें खुली हो या हो बंद
पढना लास्ट night को ही होता है
कैसे कहूँ मैं ओ यारा
ये पास ऐसे ही होता है ।
अच्छा लिखा है...
ReplyDeleteयूं ही लिखते रहिए..
http://veenakesur.blogspot.com/
यहां भी आइए...
इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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